पूस की रात
लेखक: सतेन्द्र (मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी का सरल, मानवीय और विस्तार रूपांतरण) प्रस्तावना पूस की रात, यानी वह रात […]
लेखक: सतेन्द्र (मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी का सरल, मानवीय और विस्तार रूपांतरण) प्रस्तावना पूस की रात, यानी वह रात […]
प्रस्तावना समय था अंग्रेज़ी शासन का। भारत के लोगों पर हर तरफ से ज़ुल्म ढाए जा रहे थे। ज़मीन से
🌙 ईदगाह लेखक: सतेन्द्र(मुंशी प्रेमचंद की कहानी पर आधारित, सरल, विस्तारित रूपांतरण) प्रस्तावना धूप खिली थी, आसमान नीला था और
(मुंशी प्रेमचंद की मूल रचना पर आधारित – सरल हिंदी में, भावपूर्ण पुनर्लेखन)लेखक: सतेन्द्र भूमिका: गरीबी क्या होती है? भूख