प्रायश्चित
✍ लेखक: सतेन्द्र प्रस्तावना: “सच्चाई अक्सर कपड़े नहीं पहनती, और पश्चाताप के नाम पर समाज जो नाटक करता है, वह […]
✍ लेखक: सतेन्द्र प्रस्तावना: “सच्चाई अक्सर कपड़े नहीं पहनती, और पश्चाताप के नाम पर समाज जो नाटक करता है, वह […]
ठाकुर का कुआँ (आधुनिक संवेदना में एक पुनर्कथा) लेखक: सतेंद्र गाँव की सुबह कुछ खास नहीं होती थी, बस वही
सुजान भगत – एक नई कथा लेखक: सतेन्द्र (प्रेरणा: मुंशी प्रेमचंद की कालजयी कहानी “सुजान भगत”) प्रस्तावना: गाँवों की मिट्टी
रानी सारंधा – एक अधूरी बग़ावत की मुकम्मल गूंज✍️ लेखक: सतेन्द्र(प्रेरणा: मुंशी प्रेमचंद की मूल कहानी “रानी सारंधा”) प्रस्तावना: इतिहास
नशा: एक नई कहानी – Satendra द्वारा (मुंशी प्रेमचंद की मूल कहानी पर आधारित एक आधुनिक व्याख्या) प्रस्तावना: “नशा सिर्फ
लेखक: सतेंद्रशीर्षक: दुनिया का सबसे अनमोल रत्न – एक अधूरी तलाश भूमिका बचपन में जब पहली बार प्रेमचंद की कहानी
ग़ुब्बारे पर चीता (आधुनिक रूपांतरण) लेखक: सतेंद्र भूमिका: ये कहानी सिर्फ एक चीते की नहीं, बल्कि हमारी उस सोच की
परीक्षा: जीवन की आग में तपती कहानी लेखक: सतेंद्र “परीक्षा वही है जो भीतर तक झाँक ले — किताबें पढ़ना
“मित्रता का असली मूल्य तब समझ में आता है, जब दुनिया स्वार्थ से भर जाती है और एक नादान दिल
लेखक: सतेंद्र प्रस्तावना क्लासिक साहित्य की खूबसूरती यही होती है कि वह समय और पीढ़ियों की सीमाओं को पार कर